(अध्ययन सामग्री): भूगोल — विश्व का भूगोल “पृथ्वी की गतियाँ”
अध्ययन सामग्री: विश्व का भूगोल
पृथ्वी की गतियाँ
दूसरे ग्रहों की तरह पृथ्वी की भी दो गतियाँ हैं । यह अपने अक्ष पर लगातार घूमती रहती है तथा करीब 24 घण्टे में एक चक्कर पूरा करती है । इस प्रक्रिया को ‘घूर्णन’ कहते हैं ।
पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं । पृथ्वी की इस वार्षिक गति को ‘परिक्रमण’ कहते हैं ।
पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षातल पर बने लम्ब से 23)’’ झुका हुआ है । अर्थात् पृथ्वी का अक्ष पृथ्वी के कक्षा तल से 66)0 का कोण बनाता है । इसे पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कहते हैं । इस अक्ष के उत्तरी सिरे पर उत्तरी धु्रव तथा दक्षिणी सिरे पर दक्षिणी ध्रुव है ।
पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई लगभग एक लाख कि.मी. प्रति घंटा की गति से सूर्य की परिक्रमा करती है ।
सूर्य के परिक्रमण मार्ग पर पृथ्वी का अक्ष हमेशा एक ही ओर झुका रहता है । इसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध 6 महिने सूर्य की ओर झुका रहता है । इसलिए उत्तरी गोलार्द्ध का अधिकांश भाग अपेक्षाकृत अधिक समय तक सूर्य के प्रकाश में रहता है । फलतः यहां दिन बड़े होते हैं । इसके विपरीत इसी अवधि में द. गोलार्द्ध सूर्य से दूर होता है । इसलिए वहां दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं ।
केवल विषुवत वृत्त पर ही दिन और रात की अवधि बराबर होती है । विषुवत वृत्त से जैसे-जैसे उत्तर या दक्षिण दिशा में बढ़ते जाते हैं, दिन व रात की अवधि में अंतर बढ़ता जाता है ।
चूंकि 23 सितम्बर और 21 मार्च को सूर्य की किरणें दोपहर के समय विषुवत वृत्त पर लम्बवत् पड़ती है, इसलिए इन दोनों तिथियों को समस्त विश्व में दिन और रात बराबर होते हैं ।
पृथ्वी के घूर्णन के कारण दिन और रात होते हैं, जबकि पृथ्वी के परिक्रमण से ऋतुएं बदलती हैं ।