जयगोपाल हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोशिएसन (HSRA) के सदस्य थे। इन्होंने साण्डर्स वध में भगत सिंह, राजगुरु आदि का साथ दिया था।[1][2]
दिल्ली असेंबली बम कांड तथा लाहौर षड्यंत्र केस (साण्डर्स वध केस) की सुनवाई के समय ये अंग्रेजी हुकूमत के दवाव में आ गये, तथा HSRA के क्रान्तिकारियो के खिलाफ सरकारी गवाह बन गये। भगत सिंह को फाँसी दिये जाने के पीछे इनकी गवाही की ही भूमिका थी।